अजमेरएक घंटा पहलेलेखक: सुनिल जैन
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4 या इससे ज्यादा फार्म भरने कैंडिडेट्स को आरपीएससी ने नोटिस जारी कर जवाब माना है। यदि जानकारी गलत मिली तो इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
कभी सुना है 30-35 साल का युवक और उसके पास 48 सब्जेक्ट में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री। आप कहेंगे ‘असंभव, क्योंकि एक सब्जेक्ट में पोस्ट ग्रेजुएट करने में ही 2 साल लगते हैं। जरूर कोई फर्जीवाड़ा होगा।’
आप सही हैं, ये फर्जीवाड़ा सामने आया है RPSC की कॉलेज लेक्चरर भर्ती परीक्षा में। आयोग ने कॉलेज लेक्चरर के 1913 पदों पर 48 अलग-अलग सब्जेक्ट के आवेदन मांगे थे।
कई कैंडिडेट ऐसे निकले हैं जिन्होंने खुद के पास 48 सब्जेक्ट की मास्टर डिग्रियां होने का दावा करते हुए अलग-अलग सब्जेक्ट से 48 फॉर्म भर दिए हैं। आयोग ने ऐसे 278 कैंडिडेट्स को नोटिस जारी कर उन्हें डिग्रियां दिखाने को कहा है।
क्या ये पेपर लीक कराने के लिए कोई सोची समझी चाल है? भास्कर ने इस पूरे मामले की पड़ताल की…
RPSC ने कॉलेज लेक्चरर के लिए 48 सब्जेक्ट में 1913 पदों पर भर्ती निकाली थी। इसके लिए करीब 2 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा। इनमें 1280 कैंडिडेट्स ऐसे पाए गए हैं, जिन्होंने दो या दो से ज्यादा सब्जेक्ट में फॉर्म भरे। चार या चार से ज्यादा सब्जेक्ट में फॉर्म भरने वाले 278 कैंडिडेट्स मिले।
48 सब्जेक्ट में पोस्ट ग्रेजुएट… 115 साल से ज्यादा उम्र है क्या?
यहां चौंकाने वाली बात है कि कोई भी शख्स 48 सब्जेक्ट में पीजी (पोस्ट ग्रेजुएशन) कैसे कर सकता है। क्योंकि आयोग ने आवेदन की अधिकतम उम्र 40 साल रखी थी। एक सब्जेक्ट में पीजी करने में 2 साल लगते हैं, इस हिसाब से 48 सब्जेक्ट में पीजी करने के लिए 96 साल लगेंगे। करीब 17 से 18 साल की उम्र में कोई भी ग्रेजुएट होता है।
ऐसे में कैंडिडेट्स के सेल्फ डिक्लेरेशन को सही मान लिया जाए तो क्या आवेदनकर्ता की उम्र 115 साल के करीब होगी, जो कि संभव ही नहीं। दूसरा कॉलेज लेक्चरर के लिए पीजी के साथ-साथ NET/SET या पीएचडी होना भी अनिवार्य शर्तों में से एक है।
ज्यादा फॉर्म भरने वाले कैंडिडेट्स से भास्कर ने बात की तो उन्होंने क्या कारण बताए, आइए जानते हैं…
एक कैंडिडेट बोला – मेरी तो 3 सब्जेक्ट में पीजी, गलती से भर दिए 48 आवेदन
टोंक जिले के दूनी निवासी अनिल मीणा ने 48 सब्जेक्ट में आवेदन किया था। जब भास्कर ने अनिल से बात की तो उसका कहना था कि वह हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस व ज्योग्राफी में ही पोस्ट ग्रेजुएट है। उसके पास सभी 47 सब्जेक्ट की मास्टर डिग्री नहीं है। गलती से फॉर्म ज्यादा भर गए होंगे, उसे इसकी कोई जानकारी नहीं है।
2 कैंडिडेट्स बोले- पीजी ही नहीं और गलती से भरे 47-47 आवेदन फॉर्म
टोंक जिले के आवां दूनी निवासी भरत मीणा व राकेश मीणा ने 47-47 सब्जेक्ट में आवेदन किए। उनसे बात की तो बताया कि गलती से फॉर्म भर दिए थे, जबकि दोनों ने केवल ग्रेजुएशन कर रखा है। वे पीजी की अभी पढ़ाई कर रहे हैं।
RPSC के कई एग्जाम बीते कुछ सालों में सवालों के घेरे में रहे हैं। ऐसे में परीक्षा से जुड़ा एक और फर्जीवाड़ा सामने आने से अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ गई है।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भास्कर ने फॉर्म भरने वाले कुछ कैंडिडेट व आरपीएससी के सेक्रेटरी (IAS) रामनिवास मेहता से बात कर पूरा मामला जाना
कैसे खुला फर्जीवाड़ा?
RPSC सेक्रेटरी रामनिवास मेहता ने बताया कि आयोग की ओर से परीक्षा आवेदन की जांच की गई और मैनेजमेंट इनफॉर्मेशन सिस्टम (MIS) में वन टाइम रजिस्ट्रेशन के नंबर डालकर यह पता किया कि किस कैंडिडेट्स ने कितने सब्जेक्ट में आवेदन किया। ताकि उनको परीक्षा सेंटर आवंटित किए जा सकें।
यहां पता चला कि 1280 कैंडिडेट्स ऐसे हैं, जिन्होंने दो या दो से अधिक सब्जेक्ट के लिए आवेदन किया है। चौंकाने वाली बात थी कि चार या चार से अधिक सब्जेक्ट में आवेदन करने वालों की भी लंबी लिस्ट थी।
ऐसे 278 कैंडिडेट्स चिह्नित किए गए जिन्होंने चार से ज्यादा सब्जेक्ट में आवेदन भरे थे। इसमें से दो कैंडिडेट तो ऐसे निकले जिन्होंने सभी 48 सब्जेक्ट में और 2 ने 47 सब्जेक्ट में आवेदन कर रखे थे।इसके लिए इन कैंडिडेट्स से कॉन्टेक्ट किया तो हकीकत सामने आई। कई आवेदनकर्ताओं ने तीन सब्जेक्ट में ही पीजी कर रखा है, लेकिन आवेदन 47 सब्जेक्ट में कर दिया। कई ऐसे मिले जिनके पास पीजी की डिग्री ही नहीं वो भी 40-40 आवेदन कर रहे हैं।
RPSC की इसलिए बढ़ी परेशानी
सबसे बड़ी परेशानी यह है कि प्रत्येक सब्जेक्ट के दो पेपर होते हैं। इसके लिए कैंडिडेट्स को सेंटर का आवंटन करना होता है। अगर किसी ने दो फॉर्म भरे हैं तो दो सेंटर मिलेंगे। साथ ही आरपीएससी यह भी तय करेगी कि उसके दोनों एग्जाम एक ही दिन में न हों।
ऐसे में अगर किसी ने 48 फॉर्म भर दिए तो हर दिन अलग एग्जाम कराना होगा और उसे हर एग्जाम में बैठाने की जिम्मेदारी तय करनी होगी। ऐसे में परीक्षा लंबे समय तक चलानी होगी।
क्या ये पेपर लीक कराने के लिए कोई सोची समझी चाल है?
आयोग को आशंका है कि कोचिंग सेंटर मालिकों के बहकावे या सोची समझी साजिश के तहत इतनी बड़ी संख्या में फॉर्म भरे गए, ताकि इनका एग्जाम शेड्यूल तय करने के लिए एग्जाम ज्यादा से ज्यादा दिनों तक चले। इससे एग्जाम में अनावश्यक देरी होगी और इसका फायदा कोचिंग संचालकों को मिलेगा।
ज्यादा फॉर्म भरने का बड़ा कारण : फीस चुकानी नहीं, रोडवेज में यात्रा फ्री
ज्यादा फॉर्म भरने का एक कारण यह भी है कि वन टाइम रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार ने एग्जाम शुल्क फ्री कर दिया है। साथ ही एडमिट कार्ड जारी होने के बाद उसका सेंटर तक आना-जाना भी रोडवेज बसों में फ्री कर रखा है। विभाग ये मान रहा है कि हो सकता है जिन कैंडिडेट्स को केवल घूमना फिरना है, वे इसलिए आवेदन ज्यादा भर रहे हों। दूसरी बात यह है कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन केवल उन्हीं कैंडिडेट्स का होगा, जो एग्जाम में सिलेक्ट होंगे।
डॉक्यूमेंट्स सहित आयोग ऑफिस बुलाया
मेहता ने बताया कि जब फर्जीवाडे़ की प्रथम दृष्टया पुष्टि हो गई तो आयोग ने सभी 278 कैंडिडेट्स को संदिग्ध मानते हुए नोटिस जारी किए हैं। इन्हें डॉक्यूमेंट के साथ 23 सितंबर को ऑफिस में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
आयोग ने नोटिस में लिखा है कि 1913 पदों के लिए 2,01,136 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। यह संख्या 105 गुना से अधिक है। निःशुल्क आवेदन की सुविधा का दुरूपयोग करते हुए अथवा जानबूझकर 48 विषयों में से 4 से अधिक विषयों में ऑनलाइन आवेदन पत्र आयोग को प्रस्तुत किए।
आयोग ने ऐसे 278 कैंडिडेट को नोटिस भेजा है।
अतः आपको जरिए नोटिस सूचित किया जाता है कि आप 23 सितम्बर 2023 को प्रातः 9.30 बजे आयोग कार्यालय में अपना पहचान पत्र, ऑनलाईन भरे गए समस्त आवेदन पत्रों की प्रतिलिपियां और ऑरिजनल डॉक्यूमेंट्स लेकर आवश्यक रूप से उपस्थित होवें, ताकि आपके आवेदन पत्र को स्वीकार करने के संबंध में समुचित निर्णय लिया जा सके।
आपके स्वेच्छापूर्वक अनुपस्थित रहने की स्थिति में यह माना जाएगा कि आपने षड़यंत्रपूर्वक असत्य घोषणा कर यह आवेदन किए हैं, अतः इस भर्ती परीक्षा के लिए आपके समस्त आवेदन पत्र निरस्त कर दिए जाएंगे। साथ ही यह प्रकरण पुलिस / एस.ओ.जी. को कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा।
असिस्टेंट प्रोफेसर के 1913 पर भर्ती प्रोसेस – एक नजर
- RPSC ने कॉलेज शिक्षा में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती निकाली
- 26 जून से प्रोसेस शुरू हुआ, लास्ट डेट 31 जुलाई थी, 1913 पद
- एग्जाम अक्टूबर 2023 में प्रस्तावित, डेट तय नहीं, सिलेबस जारी
- 2 लाख 1 हजार 136 कैंडिडेट्स ने लास्ट डेट तक किया अप्लाई
- परीक्षा फॉर्म में संशोधन का अवसर 28 अगस्त से 6 सितंबर 2023 तक दिया
- अभ्यर्थी, पिता का नाम, फोटो, जन्म तिथि और जेंडर के अतिरिक्त सभी करेक्शन की सुविधा दी
वैकेंसी डिटेल्स (इन पदों पर होगी भर्ती)
बॉटनी: 70 पद |
केमेस्ट्री: 81 पद |
लाइब्रेरी साइंस: 1 पद |
मैथ्स: 53 पद |
साइकोलॉजी: 10 पद |
फिजिक्स: 60 पद |
आर्ट हिस्ट्री: 2 पद |
इकोनॉमिक्स: 103 पद |
राजस्थानी: 6 पद |
सिंधी: 3 पद |
जैनोलॉजी: 1 पद |
गारमेंट प्रोडक्शन एंड एक्सपोर्ट मैनेजमेंट: 1 पद |
मिलिट्री: 1 पद |
इंग्लिश: 153 पद |
जियोग्राफी: 150 पद |
हिंदी: 214 पद |
हिस्ट्री: 177 पद | एप्लाइड आर्ट: 5 पद |
ड्राइंग और पेंटिंग: 35 पद | एग्रीकल्चर: 16 पद |
म्यूजियोलॉजी: 2 पद |
बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन: 71 पद |
मूर्तिकला: 4 पद |
फिलॉसफी: 11 पद |
म्यूजिक: 18 पद |
पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन: 45 पद |
पेंटिंग: 5 पद |
जियोलॉजी: 6 पद |
म्यूजिक तबला: 2 पद |
लॉ: 25 पद |
जूलॉजी: 64 पद |
ईएएफएम: 70 पद |
एबीएसटी: 86 पद | संस्कृत: 76 पद |
सोशियोलॉजी: 80 पद |
उर्दू: 24 पद |
पॉलिटिकल साइंस: 181 पद |
पंजाबी: 1 पद |